जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत कृषि आधुनिकीकरण पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन प्रारम्भ


प्रयागराज।    'सतत वैश्विक विकास के लिए बदलते जलवायु परिदृश्य के तहत कृषि में प्रगति'' विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के डी.डी. पन्त आॅडिटोरियम, वनस्पति विभाग में प्रारम्भ हुआ। सम्मेलन का आयोजन आईसीएआर -भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ, आर.एस. कृषि शोध एवं प्रशिक्षण संस्था, स्वदेशी जागरण मंच एवं सुसंस्कृति, इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय की ओर से संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि फूलपुर सांसद श्रीमती केसरी देवी पटेल ने किया जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व उच्च शिक्षा, तकनीकी एवं गन्ना मंत्री डा. नरेन्द्र कुमार सिंह गौर उपस्थित रहे।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए श्रीमती केषरी देवी पटेल ने आयोजनकर्ताओं को सम्मेलन के आयोजन हेतु बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों की आय दोगुना करने के मिशन में इस प्रकार के सम्मेलन से निकलने वाले निष्कर्ष निश्चित रूप से लाभकारी सिद्ध होंगे। उन्होंने बदलते जलवायु परिवर्तन पर चिन्ता जाहिर करते हुए वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, नीति निर्धारकों को इस समस्या के निराकरण पर नये शोध किये जाने की बात कही।
डा. नरेन्द्र सिंह गौर ने कृषि वैज्ञानिकों से किसानों के आर्थिक लाभ के दृष्टिगत शोध करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा था किन्तु वर्तमान प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को समर्थन मूल्य बढ़ाये जाने सहित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने पर्यावरण संतुलन बनाये रखने हेतु आम लोगों से अपील की।
आयोजन सचिव डा. रामचंद्र ने सम्मेलन की महत्ता के बारे में बताते हुए प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में 50 प्रतिषत लोग देश में कार्य करते हैं किन्तु उसके बावजूद लगातार राष्ट्रीय आय में कृषि का घटता सहयोग चिन्ता का विषय है, जिसे नीति निर्धारकों को गम्भीरता से लेकर नीति बनानी चाहिए। लघु तथा सीमान्त किसानों की प्रक्षेत्र प्रबंधन करके उन्हें आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार की फसलों की रूपरेखा तैयार करना चाहिए।
आसाम के डा. पुलकाभा चैधरी ने बताया कि पशुपालन, मछली पालन, इन्टीग्रदेड फारमिग सिस्टम . के क्षेत्र की योजनाओं में जोड़कर किसानों को 50 से 70 प्रतिशत लाभ दर्ज हुआ है जो किसानों की आय को दोगुना करने में काफी हद तक सार्थक है। उन्होंने यह भी बताया कि बत्तख के साथ मछली पालन की योजना में सहभाग करने वाले किसानों को 63 से 82 प्रतिशत लाभ प्राप्त हुआ। उन्हें लाईफटाईम अचीवमेन्ट अवार्ड दिया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
डा. वी.के. सिंह ने स्वदेशी जागरण मंच द्वारा पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्वदेशी के पुनरूत्थान में की जा रही गतिविधियों को संक्षेप में बताया। प्रो0 डी.के. चैहान ने इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में वर्णन किया।
सम्मेलन में आयुश कुमार पाठक, सुधीर पासवान, डा. जहूर अहमद मीर, तरूण कुमार यादव को यंग सांइटिस्ट अवार्ड दिया गया। डा. ललित भट्ट, डा. सुरेश कुमार मौर्या को शोध उत्कृष्टता अवार्ड दिया गया। मो0 समीर को यंग वानिकी अवार्ड दिया गया।
सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रान्तों से आए वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों आदि ने भी अपने विचार रखे।