16 नवम्बर, 2019 प्रयागराज।
मा0 राज्यमंत्री (स्व0प्र0), पर्यटन, धमार्थ कार्य, संस्कृति, प्रोटोकाॅल विभाग, उ0प्र0 डाॅ0 नीलकंठ तिवारी ने श्रृंगवेरपुर धाम में पर्यटन कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मा0 मंत्री जी सर्वप्रथम श्रृंगवेरपुर धाम में नवनिर्मित पर्यटक सुविधा केन्द्र के परिसर में स्थित यात्री निवास का निरीक्षण किया। परिसर में बनाये गये बड़े हाॅल को देखते हुए यह जानकारी ली कि इस हाॅल में एक समय में कितने लोगो को एक साथ ठहराया जा सकता है। यूपीपीसीएल के महाप्रबंधक धमेन्द्र सिंह ने मा0 मंत्री जी को बताया कि लगभग 500 लोगो को इस हाॅल के अन्दर ठहराया जा सकता है। इस पर्यटन सुविधा केन्द्र का निर्माण यूपीपीसीएल के द्वारा किया गया है। मा0 मंत्री जी ने हाॅल में बने महिला शौचालय व पुरूष शौचालय को भी देखा। मा0 मंत्री जी निरीक्षण के दौरान हाॅल की छत पर भी गये, वहां पर उन्होंने ब्रांस की बनी भगवान श्रीराम की स्थापित प्रतिमा को देखा साथ ही भव्य मूर्ति की तारीफ की। मा0 मंत्री जी यूपीपीसीएल के महाप्रबंधक से जानकारी ली कि इसके ऊपर एक हाॅल और बनाना चाहे तो निर्माण कराया जा सकता है, जिसपर उन्हें बताया गया कि हमने पहले से ही यह व्यवस्था की है कि इसके ऊपर आवश्यकतानुसार निर्माण कराया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से यहां पर आने वाले यात्रियों के लिए खाना बनाने की जगह के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जो यात्री खाना बनाना चाहे वो यहां पर खाना बना सके इसके लिए रसोई घर का निर्माण कराने को कहा। मा0 मंत्री जी ने यात्री निवास पूरे कम्पाउण्ड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया कि इण्टरलाकिंग सही तरीके से नहीं करायी गयी है, कई जगह पर बैठ गयी है, जिससे बरसात में पानी भरने की सम्भावना होगी। उन्होंने उसे तुरंत सही कराने के निर्देश यूपीपीसीएल के अधिकारियों व उप निदेशक पर्यटन को दिए।
मा0 मंत्री जी इसके उपरांत राम घाट व विद्यार्थी घाट में बनी सीढ़ियों के निरीक्षण के दौरान पाया कि कई सीढ़िया टूटी हुई थी, जिसपर नाराजगी व्यक्त करते हुए मा0 मंत्री जी ने अगले 10 दिनों के अंदर टूटी हुई सीढ़ियों की मरम्मत कराने के निर्देश दिये। उन्होंने वहां पर बने प्रसिद्ध मंदिर मां शान्ता श्रृंगी मंदिर में पूजा-अर्चना की। पूजा-अर्चना के बाद पूरे मंदिर परीसर में कराये गये यात्री सुविधाओं की व्यवस्था का जायजा लिया, निर्माण में जो खामियां रह गयी थी, उन्हें 10 दिनों के अंदर ठीक करने निर्देश दिये। नालियों का निर्माण ठीक तरीके से न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नालियों को दुरूस्त कराने के साथ ही वहां पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा। मंदिर परिसर के कुछ दूर पर स्थित पुरातत्व विभाग द्वारा खोदी गयी जगह का मुआयना किया व जानकारी ली। तदुरांत वहां से निकलकर श्रीराम शयन आश्रम गये, वहां पर दर्शन पूजन करने के बाद रामचैरा घाट के लिए प्रस्थान किया। राम चैरा घाट पहुंचकर मा0 मंत्री जी वहां बने घाटो को देखा और अधिकारियों से जानकारी ली कि विद्यार्थी घाट से रामचैरा घाट को आपस में जोड़ा जा सकता है। उन्होंने इसका रोडमैप तैयार कर शीघ्र ही प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये। अधिकारियों से निषादराज पार्क की योजना के विषय में जानकारी लेते हुए कितने एकड़ में इसका निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव है, जिसपर अधिकारियों ने बताया कि 5 एकड़ में निषादराज पार्क का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है।
मा0 मंत्री जी ने श्रृंगवेरपुर धाम के ऐतिहासिक महत्व का वर्णन करते हुए कहा कि यहां पर पूर्व में भगवान श्रीराम का आगमन हुआ था और यही पर भगवान श्रीराम की भेंट निषादराज से हुई थी। भगवान ने निषादराज को यही पर गले भी लगाया था। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्र के एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में श्रृंगवेरपुर धाम का वर्णन हर जगह मिलता है लेकिन हमारी सरकार के पूर्व यह केन्द्र उपेक्षित था लेकिन हमारी सरकार आने के बाद मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में इस केन्द्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए यहां कई योजनाओं का शिलान्यास किया गया और आगे भी महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर आगे बढ़ने वाले है। उन्होंने बताया कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया था उन सभी योजनाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण में जो कमियां दिखायी दी उन्हें शीघ्र ही दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गये। घाटो का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है, शेष कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में शेष जगहों पर जो भी कार्य चल रहे है, उन सब के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली गयी एवं कार्य को समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण रूप से शीघ्रता के साथ पूरा करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
मा0 राज्यमंत्री ने श्रृंगवेरपुर धाम में पर्यटन की दृष्टि से कराये गये निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण