महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम आए दो हफ़्ते बीत चुके हैं लेकिन राज्य में अब तक सरकार का गठन नहीं हो सका है. वैसे तो चुनाव नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला था, लेकिन अब तक दोनों में से किसी ने न तो सरकार बनाने का दावा पेश किया और न ही राज्यपाल ने ही उन्हें आमंत्रित किया.
इस दौरान शिवसेना और बीजेपी, मुख्यमंत्री समेत अन्य मुद्दों पर सकारात्मक बातें करते हुए भी नहीं दिखे. साथ ही शिवसेना सांसद संजय राउत के बयान से दोनों दलों के बीच विवाद और बढ़ गया है.
दूसरी तरफ, एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी वहां की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बेहद सक्रिय हैं. दो दिन पहले सोमवार को पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाक़ात की. कांग्रेस-एनसीपी नेताओं के शिवसेना के समर्थन में सरकार गठन को लेकर दिए गए कुछ सकारात्मक प्रतिक्रियाओं को देखते हुए शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच हुई वो मुलाक़ात बेहद अहम मानी जा रही थी लेकिन बुधवार को पवार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी को विपक्ष में बैठने का मौका मिला है.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर कुछ कहने के लिए नहीं है. इसी पार्टी लाइन पर वो चुनाव के बाद से लगातार टिके हुए दिख रहे हैं |