"वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम -डे ''. पूरे विश्व के तमाम उन पत्रकार साथियो को तहे -दिल से श्रदांजलि जिन्होंने खबरों के लिए जीवन जिया और खबरों के लिए ही अपने प्राणों को त्याग दिया .आज भी पत्रकार बिरादरी बे-खोफ काम करने के लिए संघर्ष कर रही है.आज भी देश में भ्रष्टाचार,राजनीती,दबंग और सत्ता के विरोध में लिखने वाले पत्रकारों पर *हमले,हत्या,दबाब और यह तक की किसी फर्जी मामले में फंसाकर परेशान किया जाता है*...लेकिन अपनी जान पर खेल कर भी पत्रकारिता के आन्दोलन को आगे बढ़ाते रहेंगे ......किसी शायर ने कहा हे --
*''बे-वजह दिल पे कोई बोझ ना भारी रखिये, पत्रकारिता एक जंग है, इस जंग को जारी रखिये, कितने दिन जिन्दा रहे, इसको न गिनिये , किस तरह जिन्दा रहे ,इसकी शुमारी रखिये"*
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