नैनी।
👉 *पत्रकार उत्पीड़न को लेकर सरकार से कुछ अहम सवाल*
👉 *क्या उत्तर प्रदेश में प्रयागराज पुलिस जो कि अपनी पुलिसिया ताकत पत्रकारों को दिखा रही, क्यूंकि f.i.r दर्ज करने का अधिकार पुलिस को मिला है। पत्रकार को तो मिला नहीं है।*
👉 *क्या प्रयागराज पुलिस जवाब देगी क्या कसूर था, सह- संपादक मोनू महेवा का ? क्या खबर निकालने से खार खायी पुलिस बहाना ढूढ़कर लिखवा दी, 504, 506*
👉 *क्या शियाट्स के जनसंपर्क विभाग अधिकारी को बॉडीगार्ड की जरूरत पूर्ण होने के उद्देश का निशाना बना पत्रकार*
👉 *क्या पत्रकार के ऊपर f.i.r एक प्रार्थना पत्र दे देने पर इतना जल्द और आसानी से हो जाता है ? जबकि आम आदमी हफ्तों दौड़ता रहता f.i.r दर्ज कराने के लिए I*
👉 *थाना पुलिस व क्षेत्राधिकारी यह जानते हुए कि उक्त मीडिया कर्मी है। उसको बुलाकर इस बाबत बात करना या पुछताछ करना मुनासिब नहीं समझा ?*
👉 *अवैध बालू खनन की पोल खोल दिया पत्रकार, तो क्या वह अपराधी हो गया ?*
👉 *सवाल यह उठता है, क्या 35-40 साल की उम्र में है ? थाने में कोई पत्रकार के खिलाफ शिकायत य़ा f.i.r*
👉 *क्या प्रयागराज पुलिस के पास एक भी साक्ष्य है, पत्रकार के खिलाफ कि पत्रकार ने गलत किया है, अगर नहीं तो कैसे लिखी गई f.i.r।*
👉 *अवैध बालू खनन की रिर्पोटिंग करना क्या गुनाह है। अगर गुनाह है, तो ऐसा गुनाह हमेशा करता रहेगा पत्रकार चाहे पुलिस कितना भी लाद दे मुकदमा।*
👉 * अवैध बालू के खनन रिपोर्ट से खुन्नस खाई संबंधित थाना पुलिस ने लिखा दिया f.i.r ?*
👉 *क्या पत्रकार के खिलाफ यह f.i.r लिखना पुलिस की डराने की मंशा थी, या धमकाने की मंशा थी, या कि अवैध कार्यों का पर्दाफाश किया इस बात का बदला लेने की मंशा थी*
👉 *वही पुलिस क्या जनसंपर्क अधिकारी जो लॉक डाउन उल्लंघन का वीडियो जो वायरल हो रहा है, क्या उस पर की गई कार्यवाही । 188 की धारा पर हुई क्या कार्रवाई, जिसमे की रमाकान्त की गाड़ी में 7 आदमी 3 -3, 4 गनर खॉन चौराहे पर पुलिस के सामने आराम से घूम रहे होते है।*
👉 *क्या पत्रकार का मनोबल तोड़ने या उसका इज्जत सम्मान धूमिल करने की थी, मंशा*
*अगर ऐसे ही होता रहेगा तो पत्रकार व पत्रकार संगठन ऐसे पुलिस प्रशासन का तिरस्कार करेगा और उत्तर प्रदेश सरकार से ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेगा*